Overview
Description
मेरा श्रीकृष्ण नीति का उल्लेख करने का प्रयोजन यह रहा कि जब भी मैं अपने राष्ट्र के विषय में गंभीरता से मनन करता तो मुझे जहां अपने मानवीय राष्ट्र धर्म, संस्कृति पर गर्व अनुभव होता, वहां इतिहास से कष्ट व मानसिक ग्लानि होती थी। मस्तिष्क पर चोट सी पड़ती और मैं आश्चर्य से सोचता रहता कि ... सर्व साधन उपलब्ध, इतना महान राष्ट्र ‘भारत’ जिसके आंगन में छ: ऋतुएं खेलती हों, जिसकी पावन भूमि की उर्वरा शक्ति को, गंगा जमुना, कृष्णा, कावेरी जैसी अनेक पावन जल धाराएं कभी क्षीण अथवा बूढ़ी न होने दें और जिसका सुरक्षा कवच प्रकृति स्वयं अटल विशाल हिमालय और हिन्द महासागर के रूप में रहा हो, उस राष्ट्र में कैसे विदेशी लुटरे आक्रांता सेंध लगा पाये।
और फिर जिस पुनीत धरती पर भगवान मनु की वह आर्य संतान निवास करती हो जिसने संसार को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व राजनीतिक ज्ञान विज्ञान देकर संसार का कल्याण किया तथा मानव को सामाजिक व्यवस्था का बोध कराया तथा वसुधैव कुटुम्बकं का पाठ पढ़ाया, उस आर्य सनातन हिन्दू जाति का पतन क्योंकर हो गया? जिसके शूरवीर सपूतों ने संसार में चक्रवर्ती राज्य स्थापित किये, जो प्रत्येक शोषित समाज, जाति का आश्रय बनती रही, शताब्दियों नही, युगों जिसके हाथ में संसार का संतुलन रहा, किसी ने उसके देश को इन्दू कह कर पुकारा अर्थात् संसार के आकाश पर देश रूपी तारा मंडल में जैसे इन्दू (चाँद), तो किसी ने आर्यवर्त (श्रेष्ठतम देश) कहा और किसी ने भारत वर्ष अर्थात् संसार के समस्त अभावों को भरने वाला राष्ट्र। उस आर्यवर्त राष्ट्र और ऐसी मानवीय संस्कृति की वारिस आर्य जाति का स्वर्णिम इतिहास अकस्मात् यदि काली स्याही से लिखा जाने लगे तो कौन राष्ट्रभक्त है जिसका सीना मुँह को न आने लगेगा।
Other Details
Publisher | Chaman Prakashan |
Publishing Date | 18-Nov-2013 |
Language | Hindi |
Territorial Rights |
Worldwide
|
Formats
This eBook is available in the following formats:
EPUB (Adobe DRM)
Format Type | EPUB (Adobe DRM) |
Language | Hindi |
Digital Rights Management | Implemented |
Reading | Allowed |
Copying | Not Allowed |
Printing | Not Allowed |
Expiration | Never Expire |
Software Requirements | Adobe Digital Edition Ver 1.7 |
Suitable Devices | Windows, Mac, Sony Reader, iRex Reader |
Contents
- श्रीकृष्ण नीति के विषय में
- प्रस्तावना
- योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का वास्तविक स्वरूप
- आर्य जाति की भूल तथा उसका परिणाम
- वाम-पंथ का जन्म
- विज्ञानवेत्ता श्री कृष्ण
- वेद-अध्येयता श्रीकृष्ण की जीवन दिनचर्या
- अन्तर्मुखी श्रीकृष्ण की सोलह कलाएँ
- भगवान श्रीकृष्ण के पद-चिन्ह ही हिन्दू जाति का मुक्ति द्वार
- विधर्मियों का षड्यंत्र
- कृष्ण नीति का आधार-वैदिक दर्शन
- कर्म योनि तथा भोग योनियों का विधि-विधान
- लोक-परलोक का अस्तित्व
- संसार की प्रथम संस्कृति ही भारत की आर्य हिन्दू संस्कृति है
- कृष्ण नीति के विपरीत भारत का राजनीतिक रूप
- श्री कृष्ण राजनीति की कसौटी पर भारत की वर्तमान राजनीति
- राष्ट्रीय स्वतंत्रता की दावेदारी और गांधी जी की न्यायकारिता
- हिन्दू देश हिन्दुस्तान के विभाजन और इस्लामी देश पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के पीछे ऐतिहासिक कारण
- इस्लामी कबाइलियों के आक्रमण में डोगरों का लहू बना, कश्मीर में लक्ष्मण रेखा
- श्री कृष्ण नीति के राजनीतिक चमत्कार ही, वर्तमान भटकी भारतीय राजनीति के मार्गदर्शक
- महाभारत का विनाशकारी युद्ध क्यों हुआ? तथा भगवान श्रीकृष्ण, ऐसे विनाशकारी युद्ध के पक्षधर क्यों बनें?
- भारतीय संविधान
- श्रीकृष्ण नीति का निर्णायक निर्णय
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