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Description
वीर वैरागी बन्दा बहादुर जो 17वीं शताब्दी (सन 1670 ई0) में जन्में और 18वीं शताब्दी में कर्मक्षेत्र में उतरे, इस महान विरक्त वैरागी ने समय के अत्याचारी मुगल साम्राजय की शकित को तलवार पर तोलने और तोड़ने का महान कार्य किया। ऐसे योद्धा जिसने दुष्ट अन्यायकारियों को उन्हीं की तराजू में तोला, उस वीर वैरागी बन्दा बहादुर का नाम, धर्म तथा जीवन चरित्र, पराक्रम व अदभुत बलिदान का वर्णन करने से पूर्व भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के महान भारत की उस समय की व्यथा, कथा, दशा, दिशा - भूमिका के रूप में संक्षेप में जानना आवश्यक है।
ऐतिहासिक भूमिका -
आठवीं शताब्दी के आरम्भ (सन 712 ई0) में मुहम्मद बिन कासिम के रूप में जो रक्त-रंजित इस्लामी जुनून की आँधी सिन्धु नदी को लाँघ भारत के सिंघ प्रान्त की ओर बढ़ी थी, वह दसवीं शताब्दी के अन्त तक तूफान बन कर भारत के बहुत बडे़ भाग को, विशेषकर उत्तर भारत को निगल चुकी थी। 11वीं शताब्दी के आरंभ से तो भारत पर निरन्तर आक्रमणों का ऐसा ताँता लगा कि भारत में प्रलय-सा वातावरण बन गया था। भारत में कुछ भी सुरक्षित न रह गया था- न जन, न धन, न देवी, न देवता, न अतीत, न भविष्य, न धर्म, न शर्म, चारों ओर हाहाकार मचा था। घरों से लेकर मन्दिरों तक लूटपाट मची हुयी थी। धन से लेकर धर्म तक छीना जा रहा था, मन्दिर गिराये जा रहे थे, ईष्ट देव मिटाये जा रहे थे। नरों का वध और नारियों का चीरहरण हो रहा था एवं लाखों भारतीय नर-नारियों को बन्दी व गुलाम बनाकर बगदाद, गज़नी व काबुल की मंडियों में बेचा व नीलाम किया जा रहा था। गज़नी जैसे रेगिस्तानों को आबाद और महान हिन्दुस्तान, सर्वसम्पन्न देश को उजाड़ा जा रहा था। आह ! कैसी विचित्र-विचित्र विडम्बनायें घट रही थी। ऐसा प्रतीत होता था कि भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण के महान भारत में अब स्त्री पुरूष नहीं, भेड़ बकरी रह गये हैं जिन्हें जो आक्रमणकारी चाहे लट्ठ से हाँक कर ले जाये।
Other Details
Publisher | Chaman Prakashan |
Publishing Date | 07-Mar-2014 |
Language | Hindi |
Territorial Rights |
Worldwide
|
Formats
This eBook is available in the following formats:
EPUB (Adobe DRM)
Format Type | EPUB (Adobe DRM) |
Language | Hindi |
Digital Rights Management | Implemented |
Reading | Allowed |
Copying | Not Allowed |
Printing | Not Allowed |
Expiration | Never Expire |
Software Requirements | Adobe Digital Edition Ver 1.7 |
Suitable Devices | Windows, Mac, Sony Reader, iRex Reader |
Contents
- वीर वैरागी बन्दा बहादुर का परिचय
- ऐतिहासिक घटनायें
- नाम-धाम व घर त्याग
- उस काल की समय स्थिति तथा ऐतिहासिक घटती घटनायें
- औरंगजेब का कश्मीर पर जुनूनी फरमान
- हिन्दू समाज में सिख पंथ की उत्पत्ति
- सिख पंथ की गुरू पद्धति व वंशावली तथा बलिदान
- गुरु अर्जुन देव जी का महान बलिदान
- गुरु तेगबहादुर जी तथा भाई मतीदास जी का हृदय विदारक बलिदान
- तरूण वीर लक्ष्मण देव के अज्ञातवास का इतिहास
- सिख पंथ में खालसा की विधिवत स्थापना तथा उसका ऐतिहासिक प्रभाव
- भगानी का युद्ध
- 40 सिखों का बे-दावा तथा मातृशक्ति का आह्वान
- आनन्दपुर साहिब का घेराव तथा आनन्दपुर दुर्ग का त्याग
- दो महान आत्माओं का मिलन
- बैरागी बन्दा बहादुर पंजाब को तथा गुरू गोबिन्द सिंह जी स्वर्ग धाम को
- लक्ष्मण देव से वैरागी माधोदास और वैरागी माधोदास से कर्मयोगी वीर बन्दा बहादुर
- सरहिन्द पर चढ़ाई व घमासान एवं गुरु पुत्रों के बलिदान का प्रतिशोध
- बैरागी की उत्तर प्रदेश पर चढ़ाई
- गुरदासपुर का प्रथम युद्ध
- समय स्थिति तथा वैराग्य विरक्त वृत्ति के संघर्ष का परिणाम बन्दे को भुगतना पड़ा
- बन्दा बैरागी की राजनीतिक भूल
- मुगल बादशाह फरूख सीयर का षड़यन्त्र तथा माता सुन्दरी का बन्दे बहादुर को पत्र
- माता सुन्दरी को बन्दे बहादुर का उत्तर
- नैनाकोट का भयंकर युद्ध
- बन्दा बहादुर बैरागी का लाहौर पर आक्रमण
- वीर बैरागी का पन्थ के जत्थेदारों को ऐतिहासिक पत्र
- गुरदासपुर का अनितम युद्ध
- वीर बैरागी बन्दा बहादुर का अदभुत बलिदान और उसका परिणाम
- वीर बैरागी की कुर्बानी बनी देश, धर्म और पंथ की हानि
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